Airbags blast Issues: करोड़ों कार ड्राइवर्स को जान बचाने वाले एयरबैग से ही खतरा, हादसे के वक्त ये ब्लास्ट हो सकते हैं

Airbags blast Issues: अमेरिका में 3.30 करोड़ कार चालकों को जान बचाने वाले एयरबैग से ही खतरा है। हादसे के वक्त ये ब्लास्ट सकते हैं। दुर्घटना में इससे अब तक अमेरिका में एक और कनाडा में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और सात घायल हो चुके हैं। अमेरिकी नियामक नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडिमिनिस्ट्रेशन ने नाक्सविल, टेनेसी की कंपनी एआरसी ऑटोमोटिव से ऐसे 6.7 करोड़ एयरबैग्स रिकॉल करने को कहा है। लेकिन कंपनी ऐसा करने से इनकार कर रही है। ये विवाद जल्द सुलझने के आसार कम हैं क्योंकि इसके अदालती लड़ाई में तब्दील होने की आशंका हैं। एनएचटीएसए ने आठ साल तक चली जांच के बाद शुरुआती निष्कर्ष निकाला कि कुछ दुर्घटनाओं की वजह गाड़ियों के डिफेक्टिव एयरबैग हैं।

दुनिया में दर्जनभर कंपनियों के कार ग्राहक एयरबैग्स को लेकर चिंतित

Airbags blast Issues

एयरबैग फटने से मरने वालों में से एक मिशिगन के अपर पेनिनसुला की 10 बच्चों की 40 वर्षीय मां मार्लिन ब्यूडॉइन थीं। वे 2021 में शेवरले ट्रैवर्स एसयूवी से दुर्घटना के शिकार हो गई थीं। एआरसी का कहना है कि उसके एयरबैग्स में कोई सेफ्टी डिफेक्ट नहीं था। एनएचटीएसए की मांग तकनीकी निष्कर्षो की जगह परिकल्पना आधारित है और एजेंसी को ये अधिकार नहीं है कि वह पार्ट्स कंपनी को रिकॉल करने का आदेश दे। एआरसी का मानना है कि इस मामले में कार कंपनियों की जिम्मेदारी बनती है।

एनएचटीएसए को लिखे पत्र में एआरसी ने कहा कि किसी कार कंपनी ने सभी 6.7 करोड़ एयरबैग में कोई एकसामान दोष नहीं पाया। एयरबैग फटने में किसी खास कारण की पहचान नहीं की गई है। वहीं, एनएचटीएसए कहा है कि एआरसी और कार कंपनि दोनों को रिकॉल करना चाहिए। वे ऐ पार्ट्स बनाने वालों से रिकॉल की मांग कर सकता है। अब एनएचटीएसए लिए अगला कदम ये है कि वह क एयरबैग्स दोषपूर्ण हैं, इस पर अंति निर्णय दे

एयरबैग्स को लेकर कार कंपनियों की जिम्मेदारी बनती है।

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इस बीच, शेवरले, ब्यूक, जीएमसी, फोर्ड, टोयोटा, स्टेलेंटिस, फोक्सवैगन, ऑडी, बीएमडब्ल्यू, पोर्शे, ह्युंडई और किआ जैसे कम से कम एक दर्जन कार कंपनियों के ग्राहक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं उनकी कार में एआरसी के एयरबैग्स तो नहीं लगे हैं। एआरसी दुनियाभर की कई ऑटोमोबाइल कंपनियों को एयरबैग सप्लाई करती है। लेकिन कार मालिकों के लिए ये पता करना मुश्किल है कि उनकी गाड़ी में किस कंपनी के एयरबैग्स लगे हैं। न तो एनएचटीसएसए, न एआरसी और न ही कार कंपनियों ने अब तक प्रभावित मॉडलों की पूरी लिस्ट जारी की है।

 

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