रोजाना की वे आदतें जो वजन बढ़ाती हैं (Daily habits that lead to weight gain)
Daily habits that lead to weight gain: अमेरिकी शोधकर्ता सुजेन फेलन के अनुसार हम वही खाते हैं जो देखते हैं। ऐसे में यदि आपने वजन घटाया है और उसको मेंटेन रखना चाहते हैं तो कम कैलोरी वाले पदार्थों जैसे कि मौसमी फल, नट्स, ओट्स, अंकुरित अनाज आदि को अधिक से अधिक पहुंच में रखें ताकि जब भी आपको भूख को झटपट मिटाना हो तो उन्हें ही खाया जाए। जबकि हाई कैलोरी वाले और सेहत के लिए कम फायदेमंद चीजों जैसे कि कोल्डड्रिंक, सोडा, चिप्स, डिब्बाबंद फूड आदि को नजर से दूर रखें। इसके अलावा सुबह से शाम तक आप क्या खा रहें हैं इस पर नजर रखने के लिए उसे नोट जरूर करें।
• सुबह के समय पानी न पीना: मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, सुबह के समय पिया गया गुनगुना पानी आंतों को साफ कर मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है जिससे कैलोरी अधिक बर्न होती है। जबकि पानी नहीं पीने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है। वजन बढ़ने का खतरा बढ़ता है।
• बहुत कम या बहुत अधिक सोना : कैलोरी इंटेक बढ़ता है, जो लोग 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनमें बेली फैट बढ़ने की आशंका दो गुनी से अधिक होती है। वहीं 9 घंटे या अधिक सोने पर मोटे होने का खतरा 21% ज्यादा होता है। ऐसा भूख बढ़ाने वाले हार्मोन के कारण होता है।
• रात में लेटे हुए फोन चलाना : हार्मोन मेलाटोनिन प्रभावित होता है, फोन की ब्लू लाइट नींद के साइकिल को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है। जिससे नींद आने में समस्या होती है। अधूरी नींद से हार्मोन घ्रेलिन बढ़ने लगता है, जिससे व्यक्ति अधिक भोजन करता है।
तरीके जो वजन नियंत्रित करने में कारगर हैं (Methods that work in controlling weight)
• नाश्ते में अधिक प्रोटीन लें : भूख वाले हार्मोन को संतुलित करता है, प्रोटीन के पचने की प्रक्रिया धीमी होती है साथ ही यह भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स को भी धीमा करता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास रहता है। नतीजा भोजन के रूप में जाने वाली कैलोरी घटती है।
• दिमाग को ट्रेंड करें : क्योंकि संतुलित भोजन एक आदत है, किसी भी नई आदत या दिनचर्या को अपनाने में लंबा समय लगता है। जब किसी नई चीज (कम कैलोरी, संतुलित भोजन) को रोज फॉलो करते हैं तो मस्तिष्क धीरे-धीरे उसे अपनाकर आदत में बदल देता है।
• वजन घटा रहे हैं तो लक्ष्य बड़ा रखें: लापरवाही की आशंका घटती है, वजन घटाने के लिए लक्ष्य हमेशा बड़ा रखें। क्योंकि छोटे लक्ष्य पा लेने की खुशी में लापरवाही की आशंका बढ़ती है, जिससे वजन दोबारा बढ़ने का खतरा होता है। वहीं बड़े लक्ष्य लंबे समय तक प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हैं।