श्रीलंका में क्यों हुआ है डॉलर का संकट?
हाल ही में इंटरनेशनल बाजार में श्रीलंका के बारे में या खबरें उछल रही है कि इस साल के अंत तक श्रीलंका दिवालिया हो जाएगा। अब इस बात में कितनी सच्चाई है इस पर गौर करते हैं। अभी हाल ही में श्रीलंका ने 3 देशों से अपने राजदूत को बुला लिया है। और उन्होंने इस पर तर्क देते हुए कहा है कि उनका देश डॉलर क्राइसिस से जूझ रहा है।
और यह देश है नाइजीरिया साइप्रस और जर्मनी श्रीलंका ने किन तीन देशों से अपने राजदूत को बुला लिया है तो हाल ही में श्रीलंका ने अपने तीन राजदूतों को अलग-अलग देशों से बुला लिया है। यह देश नाइजीरिया, साइप्रस और जर्मनी है।
जहां पर इन्होंने अपने दूतावास सहायता के लिए खोल रखे थे। अब उसे बंद कर दिया क्या है और इनकी राजदूत सही सलामत अपने देश लौट चुके हैं? और इसके पीछे कारण डॉलर क्राइसिस बताया जा रहा है।
दूसरे देशों में राजदूत को क्यों रखा जाता है?
दुनिया का हर एक देश अपने नागरिकों की सहायता के लिए जो विदेशों में किसी दूसरे काम से रहते हैं या फिर वही पर नौकरी करते हैं उनकी सहायता के लिए राजदूतों को रखते हैं। ताकि वहां पर उनको किसी भी तरह की समस्या ना हो। यह बात अलग है कि सभी देशों के राजदूत सभी देश में नहीं रहते हैं। कुछ भी गिने-चुने देशों में आपको राजदूत देखने को मिलेंगे।
अभी के समय में आप भारत से किसी दूसरे देश में घूमने के लिए जाते हैं तो अधिकांश देशों में आपको भारत की राजदूत देखने को मिलेंगे जो वहां पर आपको किसी भी तरह की सहायता के लिए लगाए गए हैं। या फिर अगर किसी दूसरे देश का आदमी उस देश से किसी दूसरे देश में जाता है तो राजदूतों उनकी सहायता करते हैं।
किसी दूसरे देश में स्थित एंबेसी की खर्चा कौन उठाता है?
इस बात पर तर्क यह होता है कि जिस देश का राजदूत होता है उसी देश को उसका खर्चा उठाना पड़ता है। वह उस देश में इस्तेमाल किए गए हर वस्तु का पैसा देता है। वह चाहे पानी से पेट्रोल तक के पैसे को उसको देना होता है।
क्या सच में श्रीलंका इस साल के अंत तक दिवालिया हो जाएगा?
अब श्रीलंका के बारे में बात करते हैं।अब यह बात तो तब पता चले कि लेकिन इतना कह सकते हैं कि कोई देश की अर्थव्यवस्था इतनी नीचे गिर गई है कि वह अपने तीन राजदूतों को दूसरे देश से वापस बुला रहा है अथवा अपने ऑफिस को उस देश से अस्थाई तौर पर बंद कर रहा है तो इससे समझा जा सकता है कि उस देश की हालत क्या है?
श्रीलंका पर कितना कर्ज है?
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में श्रीलंका पर कई तरह की खबरें बन रही है और इसमें सबसे बड़ी खबर यह है कि शायद लंका इस साल के अंत तक दिवालिया हो जाएगा। अभी के समय में श्रीलंका पर करीब 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है। अब श्रीलंका की स्थिति इससे पता चल रही है कि ब्रिटेन का एक बहुत बड़ा अखबार गार्जियन ने यह तय किया है कि 2022 के अंत तक श्रीलंका दिवालिया हो जाएगा।
दिवालिया का मतलब यह हुआ कि श्रीलंका अब 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने में असमर्थ हो जाएगा।
तब उसकी संपत्ति अंतरराष्ट्रीय बैंकों के द्वारा जप्त कर ली जाएगी या फिर उस देश के द्वारा कब्जे में ले लिया जाएगा जिससे श्रीलंका ने कर दिया है कर्ज लिया है
जिस तरह से हम। किसी बैंक से लोन लेते हैं तो उसके एवज में हम अपना कोई कीमती वस्तु उस बैंक में कोई रखता है? वैसे ही श्रीलंका ने भी जिस भी देश या अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया होगा तो इसकी एवज में अपने देश की कुछ या फिर ज्यादा। बहुमूल्य संपदा को गिरवी रखा होगा। अब चुकी श्रीलंका को चुकाने में असमर्थ है। तू उससे वह बहुमूल्य संपदा छीन ली जाएगी।