Troika plus क्या है।Troika Plus बैठक में कितने देश शामिल हैं।
इन दिनों दुनिया का सबसे बड़ा चर्चा का विषय अफगानिस्तान में बढ़ रहा तालिबान हैं। और बाकी देशों के साथ साथ यह भारत के लिए भी एक बहुत अहम मुद्दा बना हुआ है। क्योंकि भारत के हजारों करोड़ रूपए स्थान में निवेश के रूप में है।
Troika Plus क्या है। दरअसल में Troika रूस में तीन घोड़ों से चलने वाली एक गाड़ी का नाम है। अफगानिस्तान से अमेरिकी के चले जाने के बाद रूस ने अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने का जिम्मा उठाया है।
रूस ने यह भी कहा है की अफगानिस्तान में शांति सिर्फ एक देश के पहल से नहीं होगी। Troika Plus UPSC इसके लिए विश्व के बड़े देशों को आगे आना चाहिए और इसी तर्ज पर रूस ने Troika Plus बैठक बुलाने का जिम्मा उठाया है।
Troika Plus बैठक में कितने देश शामिल हैं।
रूस के द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति समझौता करने के लिए एक बैठक बुलाई थी ( Troika Plus in hindi ) जिसे Troika Plus के नाम से जानते है। रूस ने यह कहा था कि अफगानिस्तान में शांति बनाए रखने के लिए विश्व के सभी बड़े देशों को आगे आना चाहिए। शुरुआत में Troika Plus में अमेरिका रूस तथा चीन शामिल थे। लेकिन भारत तथा ईरान को इसमें भारत में शामिल कर लिया गया।
11 august को Troika Plus बैठक में कितने देश शामिल होंगे।
Troika Plus में विश्व के 3 सबसे बड़े देश अमेरिका रूस तथा चीन शामिल थे, बाद में भारत तथा ईरान को भी इसमें शामिल कर लिया गया। लेकिन हाल ही में भारत को इस बैठक से निकल दिया गया है। तथा भारत की जगह इस बैठक में पाकिस्तान को शामिल किया गया है।
क्यू किया गया पाकिस्तान को Troika Plus बैठक में शामिल
अफगानिस्तान में बढ़ रहे तालिबान को पाकिस्तान की ओर से पूरी समर्थन मिल रही है। साथ ही साथ हथियार और पैसे भी पाकिस्तान तालिबानियों को मुहैया करा रही है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान से करीब 5000 आतंकवादी तालिबानियों की सहायता के लिए अफगानिस्तान में घुसे हैं।
इसीलिए रूस ने अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच हो रहे शांति समझौते पाकिस्तान को शामिल किया है ताकि पाकिस्तान इसमें शामिल होकर अफगानिस्तान में हो रहे तबाही को रोकने में साथ दे। यह करना ठीक उसी प्रकार है की बिल्ली को दूध की रखवाली पर बैठाने जैसा।
हालांकि Troika Plus बैठक में पहले भारत को शामिल किया गया था लेकिन अब भारत की जगह पाकिस्तान को बैठाया जा रहा है।
रूस ने troika plus बैठक में भारत को क्यू नही किया शामिल
दुनिया के सबसे चर्चित खबरों में आज कल सबसे ज्यादा चर्चा में अफगानिस्तान बना हुआ है। अफगानिस्तान का लगभग 90 फ़ीसदी हिस्सा तालिबान के कब्जे में आ चुका है। अमेरिका पहले ही इस मुद्दे से अपना हाथ ही चुके हैं।
अफगानिस्तान में शांति बनाए रखें इसके लिए उसने एक बैठक बुलाने की बात रखी। जिस को हम Troika Plus बैठक के नाम से जानते हैं। भारत ने रूस से यह अपील रखी की किसी तरह रूस भारत को भी इस बैठक में शामिल करें।
शुरुआत में भारत को शामिल किया गया था लेकिन अभी भारत के स्थान पर पाकिस्तान को जगह दिया गया है।
रूस ने अफगानिस्तान और तालिबान के बीच हो रहे शांति समझौता बैठक में भारत तथा पाकिस्तान दोनों को जगह देना चाहा था लेकिन अगर इन दोनों देशों को एक साथ एक मंच पर जगह दिया जाता तो शायद अफगानिस्तान और तालिबान के बीच हो रहे शांति समझौते में दोनों देशों का हस्तक्षेप कम होता दिखता। पाकिस्तान को इस बैठक में रखना इसलिए उचित था कि पाकिस्तान तालिबान से मिला हुआ है और तालिबान पाकिस्तान के बाद को मानता भी है।
इसीलिए रूस ने Troika Plus बैठक से भारत को हटा दिया।
कंधार हाईजैक केस क्या है।
जानकारी के लिए बता दूं कि जब भारत में अटल जी की सरकार नई नई बनी थी तब नेपाल से भारत की एक जहाज को हाईजैक कर लिया गया था। तब अफगानिस्तान में तालिबान का राज चलता था। और हाईजैकर्स को तालिबान से पूरा का पूरा समर्थन मिला था।
हाईजैकर्स ने प्लेन को तो पहले पाकिस्तान ले जाने चाहा, लेकिन पाकिस्तानी अथॉरिटी ने इस से साफ मना कर दिया। जबकि हाईजैकरस कर पाकिस्तानी ही थे और पाकिस्तान के इशारे पर ही उन्होंने प्लेन को हाईजैक किया था।
तब जाकर हाईजैकर्स ने प्लेन को तालिबान की मदद से अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर लैंड करवाया। वहीं पर प्लेन में रिफिलिंग की तथा भारतीय सरकार से निगोशियासन का काम वहीं से किया।
भारत सरकार ने कंधार हाईजैक केस में तीन आतंकवादियों को छोड़ा था।
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